सत्यम कुमार झा
इस लॉकडॉउन के समय जो आसपास सबसे ज्यादा शब्द सुनाई देता है वह है कोरोना. साथ साथ सबकी नजर इसके लगातार बढ़ रहे आंकड़ो की तरफ अनायास जाता है.
इस समय जब मीडिया के पास के खबर जानने के सीमित साधन है वैसे में सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति और ट्वीटर ही एकमात्र सहारा है. बिहार में कोरोना पोजेटिव के आंकड़े ट्वीटर पर बिहार स्वास्थ मंत्रालय के प्रधान सचिव सबसे पहले देते है. बाद में राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार शाम के समय प्रेस विज्ञप्ति देता है. सनसनी खबरों के इस बाजार में पहले आंकड़े आते ही बाजार गर्म हो जाता है. फंला जगह इतने केस आये, ब्रेकिंग, सनसनी और बिग ब्रेकिंग. इस दो आंकड़ो के बीच का गणित भी कुछ बदला रहता है। मसलन जमुई जिला का केस बिहार सरकार के ट्वीटर के हिसाब से 13 मई को ही आ गयी थी.
बिहार राज्य में दिनांक 13 मई 2020 को जिलावार प्रतिवेदित मरीजों की संख्या। अधिक जानकारी के लिए टॉल फ्री नंबर 104 पर कॉल करें या https://t.co/Yc61ulkb5U पर आएं।#COVID19FreeBihar #CovidUpdateBihar pic.twitter.com/zzgl8sNKaF
— State Health Society Bihar (@SHSBihar) May 13, 2020
लेकिन प्रधान सचिव के अनुसार पहला के केस 15 मई को आया। किस आंकड़े को सही माने इसका द्वंद ऊपर से रहता है। साथ ही बताते चले कि संजय कुमार जी के ट्वीटर पर फ़ॉलोअर्स इस बीच 34k से ऊपर बढ़ी है.
15 मई से राज्य स्वास्थ्य समिति,बिहार के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में एक खाका अलग से जोड़ा गया है अब ताकि खबर उसकी भी बन सकें. बिहार स्वास्थ मंत्रालय के आंकड़े में अब प्रवासी मजदूर जो कोरोना पोजेटिव है उसे जोड़ा गया है
स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार द्वारा शुक्रवार दिनांक 15.05.2020 को जारी किए गए आंकड़े।अधिक जानकारी के लिए टॉल फ्री नंबर 104 पर कॉल करें या https://t.co/Yc61ulkb5U पर आएं।#COVID19FreeBihar #CovidUpdateBihar pic.twitter.com/UTYulkOTDJ
— State Health Society Bihar (@SHSBihar) May 15, 2020
और बकायदा इसके आंकड़े अलग से संजय कुमार ने ट्वीट कर बताया कि 49 पोजेटिव में से 44 पोजेटिव की संख्या प्रवासी मजदूर की है.
#BiharFightsCorona of the 49 who tested covid-19 +ve yesterday,44 are migrants who have come from different parts of the country.
— sanjay kumar (@sanjayjavin) May 10, 2020
इतना ही नहीं जिलेवार आंकड़े से भी बताए गए कि किस जिले में कितने पोजेटिव में से कितने प्रवासी मजदूर हैं और यह भी कि जिस जिस राज्य से यह आये है वहां से कितने कोरोना के मरीज मिले है.
#BiharFightsCorona health dept has been very attentive to arrival of migrants from other states and analysing data on a continuous basis.sharing data for the period 4/5/2020 to 12/5/2020 (10am).all these migrants are housed in institutional quarantine centres. pic.twitter.com/vIijim9kfe
— sanjay kumar (@sanjayjavin) May 12, 2020
जैसे खगड़िया में 42 केस पोजेटिव आये है और उसमें से 39 केस प्रवासी मजदूर का है ऐसा विज्ञप्ति में दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार द्वारा शुक्रवार दिनांक 15.05.2020 को जारी किए गए आंकड़े।अधिक जानकारी के लिए टॉल फ्री नंबर 104 पर कॉल करें या https://t.co/Yc61ulkb5U पर आएं।#COVID19FreeBihar #CovidUpdateBihar pic.twitter.com/UTYulkOTDJ
— State Health Society Bihar (@SHSBihar) May 15, 2020
हालांकि प्रवासी मजदूर के कितने सेम्पल लिए गए कितने गैर प्रवासी का यह डाटा उन्होंने नहीं बताया है.
बिहार के सीतामढ़ी जिले से एक खबर वाइरल हुई थी कि कोरोना के बारे में जानकारी देने पर पीट-पीटकर मार डाला. यह घटना सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर थाना के मधौल गांव की है जहां “महाराष्ट्र से आने के कारण उन लोगों के बारे में बबलू ने कंट्रोल रूम को बताया था. इस कारण उनलोगों को होम क्वारन्टांइन भेज दिया गया तो उनके भाई ने बबलू की गला दबा कर हत्या कर दी. फारबिसगंज और जहानाबाद में ऐसे ही ग्रामीणों और प्रवासी मजदूर की झड़प हुई. सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड के धरहरा पंचायत स्थित भैरव मध्य विद्यालय में बने क्वारेंटाइन सेंटर पर प्रवासी मजदूरों के साथ स्थानीय मुखिया के बेटे ने मारपीट की. चारो तरफ सोशल मीडिया से लेकर सरकार के द्वारा कहीं न कहीं इस बात को साबित करने में बेदम है कि बिहार में कोरोना के संवाहक प्रवासी मजदूर ही है. जबकि एम्स के निदेशक रणदीव गुलेरिया ने कहा कि कोरोना से अभी भी एक कलंक जुड़ा है जिससे कई लोगों के अस्पताल आने और टेस्ट करवाने में डर लगा रहा है.
सामाजशास्त्रीय लिहाज से देखे तो एक अनदेखी लकीर प्रवासी मजदूर और स्थानीय के बीच खींच चुकी है. बिहार सरकार आंकड़ो से इसे और भड़का रही है. बिहार के दोनों आंकड़ो के मुताबिक सभी 38 जिला कोरोना संक्रमित हो चुके है.
1018 से ऊपर कोरोना संक्रमित के मामले आ चुके है और 7 कि मृत्यु हो वहीं 418 रिकवर हो चुके है. 537 अभी भी इलाजरत है.
43371 टेस्टिंग हो चुकी है. बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों पर गौर करें तो
1-50 कोरोना मरीज – 18 दिन
50-100 कोरोना मरीज- 11 दिन
100-200 कोरोना मरीज- 4 दिन
200-400 कोरोना मरीज- 5 दिन
400-600 कोरोना मरीज – 10 दिन
600-800 कोरोना मरीज- 3 दिन
800-1000 कोरोना मरीज – 3 दिन
इसमें 400 से 600 तक पहुंचे में सबसे जो समय लगा है उसमें 4 दिन में यानी 5 मई से 8 मई तक सिर्फ 2439 ही टेस्ट हुए ताकि सरकार अपने आंकड़ो को दुरुस्त दिखा सके.
बिहार कोरोना पोजेटिव के लिहाज से भारत के लिहाज से 13 वाँ बड़ा राज्य है जबकि टेस्टिंग के लिहाज से 15 वें नो. पर है.सबसे पहले कोरोना पोजेटिव मामले आने वाला राज्य केरल 17 वें स्थान पर है. 12 मई को बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने कोरोना टेस्ट को लेकर कहा था कि प्रतिदिन 10000 तक जांच होनी चाहिए लेकिन उस दिन से 15 मई तक 7318 टेस्ट ही हुए है. यही पर बिहार सरकार के वादा और दावे का फर्क दिखता है. बिहार में देश के मुकाबले सबसे कम टेस्ट हो रहे है. यहां प्रति 10 लाख पर मात्र 323 टेस्ट हो रहे है.
https://twitter.com/BaatBiharKii/status/1261214487224258561?s=20

मजेदार बात यह है कि विभाग की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया जाता है कि पटना में कोरोना पोजेटिव की संख्या बढ़ने की आशंका करते है साथ ही कहते है कि पटना में सिर्फ 60 ही टेस्ट किये जाएं. इससे ज्यादा टेस्ट करने के लिए जिले के सिविल सर्जन को कारण बताना होगा.
जिस समय टेस्ट की संख्या बढ़नी चाहिए थी उस समय बिहार स्वास्थ्य मंत्रालय डोर टू डोर स्क्रीनिंग का डंका पीट रही थी.
बिहार में डोर टू डोर स्क्रीनिंग कार्य में अभी तक 61, 23, 344 परिवारों के लगभग 10 करोड़ 11 लाख लोगों की स्क्रीनिंग पूरी हो चुकी है |
— Mangal Pandey (@mangalpandeybjp) May 7, 2020
दिलचस्प यह भी है कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय कोरोना से स्वस्थ होने वालों की संख्या सबसे पहले ट्वीटर पर बताते है और प्रधान सचिव संजय कुमार कोरोना पोजेटिव के बारे में बताते है. यही कार्य नीति है जहाँ पोजेटिव न्यूज़ नेता के द्वारा प्रतिपादित किया जा रहा है और कोरोना पोजेटिव का न्यूज़ सिस्टम (प्रधान सचिव-संजय कुमार) के द्वारा दिया जा रहा है.